क्या आपने कभी सोचा है कि आपको कोलेस्ट्रॉल टेस्ट की जरूरत है या नहीं? ज्यादातर लोग यह मानकर चलते हैं कि यह समस्या सिर्फ मोटे या बूढ़े लोगों की होती है। लेकिन सच्चाई यह है कि खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) दिल की बीमारी की एक बड़ी वजह बन रहा है, और यह किसी को भी, कभी भी हो सकता है।
भारत में, 10 में से 6 लोगों का LDL कोलेस्ट्रॉल हाई पाया जा रहा है। दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अश्वनी मेहता बताते हैं, “LDL कोलेस्ट्रॉल एक ‘साइलेंट किलर’ की तरह काम करता है। यह धीरे-धीरे धमनियों में प्लाक जमा करके ब्लॉकेज पैदा करता है, और अक्सर तब तक कोई लक्षण नहीं दिखाता जब तक कि गंभीर समस्या न हो जाए।”
किन बातों पर दें ध्यान?
- “मैं जवान हूं” या “मैं पतला हूं” – यह सोच गलत है: अब यह मानना बंद कर दें कि सिर्फ मोटे या उम्रदराज लोगों को ही कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है। शोध बताते हैं कि पतले और युवा लोगों में भी खराब लिपिड प्रोफाइल पाया जा रहा है।
- पारिवारिक इतिहास है जरूरी: अगर परिवार में किसी को दिल की बीमारी या हाई कोलेस्ट्रॉल रहा है, तो आपका रिस्क बढ़ जाता है। एक परिवार ने बताया कि उनके 24 साल के स्वस्थ बेटे की रूटीन जांच में हाई LDL और ब्लॉकेज पाया गया, और बाद में पता चला कि पूरे परिवार को यह समस्या है, बिना किसी लक्षण के।
- लक्षणों का इंतजार न करें: सीने में दर्द, सांस फूलना या चक्कर आना जैसे लक्षण तब दिखते हैं जब स्थिति गंभीर हो चुकी होती है। कई लोगों को पहला संकेत हार्ट अटैक या स्ट्रोक के रूप में मिलता है।
तो क्या करें?
जवाब बहुत आसान है: एक साधारण सा ब्लड टेस्ट कराएं। हर वयस्क को, खासकर 18 साल की उम्र के बाद, कम से कम एक बार बेसलाइन लिपिड प्रोफाइल टेस्ट जरूर कराना चाहिए। अब इस टेस्ट के लिए उपवास की भी जरूरत नहीं पड़ती।

जयपुर के सीके बिड़ला हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राहुल शर्मा कहते हैं, “अब ‘वन साइज फिट्स ऑल’ का दौर खत्म हो गया है। अब पर्सनलाइज्ड मेडिसिन के जरिए हर मरीज की जरूरत के हिसाब से LDL कोलेस्ट्रॉल का लक्ष्य और इलाज तय किया जाता है।”
याद रखें, कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना कोई सजा नहीं, बल्कि एक नक्शा है जो आपको आगे का रास्ता दिखाता है। सही समय पर जांच कराकर आप अपने दिल की सेहत की रक्षा कर सकते हैं।
पाठकों के मन में सवाल (FAQs)
1. कितनी बार कोलेस्ट्रॉल की जांच करवानी चाहिए?
अगर आप 20 साल से ऊपर के हैं और आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल नॉर्मल है, तो हर 4-6 साल में एक बार जांच करवाना काफी है। लेकिन अगर आपका स्तर ऊंचा है, आपको डायबिटीज है, या परिवार में हृदय रोग का इतिहास है, तो डॉक्टर आपको हर 6 महीने से एक साल में जांच की सलाह दे सकते हैं।
2. क्या बिना लक्षण वाले व्यक्ति को भी टेस्ट कराना चाहिए?
बिल्कुल! यह सबसे महत्वपूर्ण बात है। LDL कोलेस्ट्रॉल को ‘साइलेंट किलर’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह बिना कोई लक्षण दिखाए आपकी धमनियों को नुकसान पहुंचाता रहता है। लक्षण दिखना शुरू होते हैं तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इसलिए बिना लक्षणों के भी रूटीन चेक-अप जरूरी है।
3. क्या डाइट और एक्सरसाइज से कोलेस्ट्रॉल पूरी तरह कंट्रोल हो सकता है?
डाइट और एक्सरसाइज कोलेस्ट्रॉल को मैनेज करने की नींव हैं और कई लोगों के लिए काफी होती हैं। लेकिन कुछ मामलों में, खासकर जब समस्या जेनेटिक हो (जैसे फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया), तो सिर्फ लाइफस्टाइल में बदलाव काफी नहीं होते। ऐसी स्थिति में, डॉक्टर की सलाह से दवाएं (जैसे स्टेटिन) लेना जरूरी हो जाता है।





















