किताबी रिपोर्ट (Book Report) अब पुरानी बात हो गई है। होमवर्क के तौर पर दिए जाने वाले टेस्ट और निबंध (Take-home tests and essays) अब बेमानी से होते जा रहे हैं।
शिक्षकों का कहना है कि छात्रों द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के इस्तेमाल ने ऐसा रूप ले लिया है कि कक्षा से बाहर लेखन कार्य देना ऐसा है जैसे छात्रों से नकल करने को कहना।
“नकल करने के मामले आसमान छू रहे हैं। मैंने अपने पूरे करियर में इतनी भयानक स्थिति कभी नहीं देखी,” कहती हैं केसी कुनि, जो 23 साल से अंग्रेजी पढ़ा रही हैं। शिक्षक अब यह सोचने में नहीं लगे हैं कि क्या छात्र AI चैटबॉट्स से अपना स्कूलवर्क करवाएंगे। “आप जो कुछ भी घर के लिए देते हैं, आपको यह मानकर चलना होगा कि उसे AI से करवाया जाएगा।”
अब सवाल यह है कि स्कूल कैसे अपने आप को ढालेंगे, क्योंकि पीढ़ियों से इस्तेमाल हो रहे शिक्षण और मूल्यांकन के कई तौर-तरीके अब अप्रभावी हो गए हैं। जैसे-जैसे AI तकनीक तेजी से बेहतर हो रही है और दैनिक जीवन का हिस्सा बन रही है, यह छात्रों के सीखने और पढ़ने के तरीके और शिक्षकों के पढ़ाने के तरीके को बदल रही है, और यह शैक्षिक बेईमानी (Academic Dishonesty) को लेकर नया भ्रम पैदा कर रही है।
शिक्षकों ने बदले अपने तरीके
दक्षिणी कैलिफोर्निया के वैलेंसिया हाई स्कूल में कुनि के छात्र अब ज्यादातर लेखन का काम कक्षा में ही करते हैं। वह अपने डेस्कटॉप से छात्रों के लैपटॉप स्क्रीन पर नजर रखती हैं, उस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके जो उन्हें स्क्रीन ‘लॉक डाउन’ करने या कुछ साइटों तक पहुंच ब्लॉक करने देता है। वह AI को अपने पाठों में भी शामिल कर रही हैं और छात्रों को सिखा रही हैं कि AI का इस्तेमाल एक स्टडी एड के रूप में कैसे करें, ताकि “बच्चे AI के साथ नकल करने की बजाय AI के साथ सीख सकें।”
ओरेगॉन के एक ग्रामीण इलाके में, हाई स्कूल टीचर केली गिब्सन ने भी कक्षा में लेखन (In-class writing) की तरफ इसी तरह का बदलाव किया है। वह छात्रों की समझ का पता लगाने के लिए मौखिक मूल्यांकन (Verbal assessments) पर भी जोर दे रही हैं।
छात्रों की दुविधा: कहां है सही और गलत की लकीर?

छात्रों का कहना है कि वे अक्सर शोध (Research), संपादन (Editing) या मुश्किल पाठों को पढ़ने में मदद जैसे अच्छे इरादों से AI का रुख करते हैं। लेकिन AI अभूतपूर्व प्रलोभन देता है, और कभी-कभी यह जानना मुश्किल हो जाता है कि लकीर कहां खींचें।
पूर्वी तट के एक लिबरल आर्ट्स स्कूल में मनोविज्ञान (Psychology) की छात्रा लिली ब्राउन निबंधों की रूपरेखा (Outline) तैयार करने में मदद के लिए ChatGPT पर निर्भर हैं क्योंकि उन्हें खुद टुकड़ों को जोड़ने में मुश्किल होती है। ChatGPT ने उन्हें फ्रेशमैन फिलॉसफी क्लास में भी मदद की, जहां निर्धारित पढ़reading “एक अलग भाषा की तरह लगती थी” जब तक कि उन्होंने उस पाठ का AI सारांश (AI Summary) नहीं पढ़ लिया।
उनके क्लास के सिलेबस (Syllabus) में लिखा होता है: “निबंध लिखने और विचार बनाने के लिए AI का इस्तेमाल न करें,” लेकिन यह बहुत सारा ग्रे एरिया छोड़ देता है। छात्रों का कहना है कि वे अक्सर शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगने से कतराते हैं क्योंकि AI के किसी भी इस्तेमाल को स्वीकार करना उन्हें एक नकलची के रूप में चिन्हित कर सकता है।
अब स्कूल भी बना रहे हैं नई गाइडलाइन्स
कई स्कूलों ने शुरू में 2022 के अंत में ChatGPT लॉन्च होने के बाद AI के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका पर नजरिया काफी बदल गया है। “AI साक्षरता” (AI Literacy) शब्द बैक-टू-स्कूल सीजन का एक बज़वर्ड बन गया है, जिसका फोकus इस बात पर है कि AI की ताकत को उसके जोखिमों और चुनौतियों के साथ कैसे संतुलित किया जाए।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले ने सभी फैकल्टी को नई AI गाइडेंस भेजी है जो उन्हें AI के इस्तेमाल को लेकर “अपने सिलेबस पर कोर्स की अपेक्षाओं का एक स्पष्ट बयान शामिल करने” का निर्देश देती है। इस मार्गदर्शन ने तीन सैंपल सिलेबस स्टेटमेंट्स के लिए भाषा प्रदान की — उन कोर्सेज के लिए जिनमें AI की आवश्यकता होती है, जो कक्षा के अंदर और बाहर AI पर प्रतिबंध लगाते हैं, या जो कुछ AI के इस्तेमाल की अनुमति देते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. क्या पढ़ाई में AI का इस्तेमाल हमेशा नकल माना जाएगा?
जरूरी नहीं! यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसका इस्तेमाल कैसे करते हैं। AI को एक रिसर्च असिस्टेंट, आइडिया जनरेटर या एक ट्यूटर की तरह इस्तेमाल करना (जैसे कठिन टेक्स्ट को समझना या आउटलाइन बनाने में मदद लेना) स्वीकार्य हो सकता है। लेकिन अगर AI से पूरा निबंध लिखवा लिया जाए और उसे अपना बताकर पेश किया जाए, तो यह नकल की श्रेणी में आएगा। सुनहरा नियम है: हमेशा अपने टीचर से पूछें कि आपके कोर्स में क्या allowed है और क्या नहीं।
2. अगर स्कूल की कोई स्पष्ट AI पॉलिसी नहीं है, तो मैं क्या करूं?
यह एक बड़ी समस्या है। अगर आपके सिलेबस में AI के बारे में कुछ नहीं लिखा है, तो सबसे अच्छा तरीका है कि आप सीधे अपने टीचर से पूछ लें। उनसे पूछें कि क्या आप Grammarly जैसे टूल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं, क्या आप ChatGPT से आइडिया ब्रेनस्टॉर्म कर सकते हैं, या किसी हार्ड पैराग्राफ को समझने में मदद ले सकते हैं। पूछने में संकोच न करें, इससे आप अनजाने में होने वाली नकल से बच जाएंगे।
3. क्या टीचर पता लगा सकते हैं कि मैंने AI का इस्तेमाल किया है?
हां, अब ऐसे कई AI डिटेक्शन टूल्स उपलब्ध हैं जो यह पहचानने का दावा करते हैं कि टेक्स्ट इंसान ने लिखा है या AI ने। हालाँकि, ये टूल्स 100% सटीक नहीं हैं और कभी-कभी गलत नतीजे भी दे सकते हैं (जैसे कि अनुवाद टूल के इस्तेमाल के मामले में)। सबसे अच्छी रणनीति यही है कि पारदर्शी बनें और जो काम जमा करें, वह आपकी अपनी मेहनत और समझ का नतीजा हो।
कुल मिलाकर, AI यहाँ है और रहने वाला है। इसके साथ तालमेल बिठाना ही भविष्य की शिक्षा की कुंजी है






















