कल्पना कीजिए कि आपने हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत वादियों में घूमने का प्लान बनाया, बैग पैक किया, और फिर अचानक पता चला कि आपका ड्रीम डेस्टिनेशन टूरिस्ट्स के लिए बंद है! जी हाँ, हम बात कर रहे हैं हिमाचल के लाहौल-स्पीति जिले के सिस्सू गाँव की, जो इस साल 16 जनवरी से 28 फरवरी तक यानी पूरे 44 दिनों के लिए पर्यटकों के लिए बंद रहेगा। अगर आप भी इस दौरान जाने का प्लान बना रहे थे, तो अपना प्लान बदलने का वक्त आ गया है!
लेकिन ऐसा क्यों?
यह कोई साधारण प्रशासनिक आदेश नहीं है, बल्कि स्थानीय परंपरा और आस्था से जुड़ा एक अनोखा फैसला है। सिस्सू गाँव और इसके आसपास के 5 किलोमीटर के इलाके में इन 44 दिनों में सभी पर्यटन गतिविधियाँ पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगी। इसका मुख्य कारण है एक विशेष धार्मिक उत्सव, जिसे पूरी श्रद्धा और शांति से मनाने के लिए गाँव की पंचायत ने यह निर्णय लिया है।
क्या यह पहली बार हो रहा है?
बिल्कुल नहीं! हर साल सर्दियों के इस特定 अवधि में सिस्सू में पर्यटन पर रोक लगाई जाती है। इस दौरान एडवेंचर एक्टिविटीज जैसे हॉट एयर बैलून राइड, जिप-लाइनिंग, स्कीइंग और ट्यूब स्लाइडिंग जैसे सभी मनोरंजन बंद रहते हैं।
आखिर क्यों है यह परंपरा?
स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, 15 जनवरी के बाद इस क्षेत्र के देवता देवलोक चले जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान नकारात्मक शक्तियाँ सक्रिय हो जाती हैं, जो नदियों, झरनों और सुनसान इलाकों को मनुष्यों के लिए असुरक्षित बना देती हैं। इसीलिए, यह समय स्थानीय लोगों के लिए धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा-अर्चना के लिए निर्धारित है। पर्यटकों की सुरक्षा और धार्मिक शांति बनाए रखने के लिए यह प्रतिबंध लगाया जाता है।
तो क्या पूरा इलाका बंद है?
जी नहीं! सिर्फ सिस्सू गाँव और उसके आसपास का 5 किमी का दायरा ही बंद है। लाहौल-स्पीति के बाकी खूबसूरत स्थान जैसे यांगला, कोकसर और केलांग जैसी जगहें पर्यटकों के लिए खुली हैं। आप वहाँ जाकर प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं।
सिस्सू में घूमने लायक क्या है?
जब यह प्रतिबंध हटेगा, तो आप सिस्सू की अद्भुत जगहों like सिस्सू झील, चंद्रताल, रोहतांग दर्रा, सिस्सू झरना, पिन वैली नेशनल पार्क और ग्येफांग मंदिर आदि को explore कर सकते हैं।

कैसे पहुँचें सिस्सू?
- बस द्वारा: दिल्ली या चंडीगढ़ से मनाली की बस लें, फिर केलोंग जाकर प्राइवेट वाहन से अटल टनल पार कर सिस्सू पहुँचें।
- ट्रेन द्वारा: नजदीकी रेलवे स्टेशन चंडीगढ़ (351 किमी दूर) है। वहाँ से मनाली के लिए बस/टैक्सी ले सकते हैं।
- हवाई मार्ग: नजदीकी हवाई अड्डा भुंतर (कुल्लू) है, जो 90 किमी दूर है। वहाँ से टैक्सी आसानी से मिल जाती है।
तो अगर आप सिस्सू जाना चाहते हैं, तो धैर्य रखें और मार्च का इंतज़ार करें! यह अनोखी जगह आपके इंतज़ार के लायक जरूर है।
सिस्सू यात्रा के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. क्या सिस्सू में प्रतिबंध के दौरान आपात स्थिति में भी प्रवेश निषेध है?
जी हाँ, यह प्रतिबंध पूर्णतः लागू होता है और स्थानीय प्रशासन द्वारा सख्ती से लागू किया जाता है। इन 44 दिनों के दौरान केवल स्थानीय निवासी ही गाँव में प्रवेश कर सकते हैं, पर्यटकों के लिए पूरी तरह से प्रतिबंधित है। आपात स्थिति में भी विशेष अनुमति लेनी आवश्यक है।
2. क्या लाहौल-स्पीति के अन्य हिस्से घूमने के लिए खुले रहते हैं?
जी बिल्कुल! सिर्फ सिस्सू गाँव और उसके आस-पास का 5 किलोमीटर का क्षेत्र ही बंद रहता है। आप लाहौल-स्पीति के अन्य लोकप्रिय स्थान जैसे केलांग, कोकसर, काजा, और चंद्रताल जैसी जगहों की यात्रा का आनंद ले सकते हैं।
3. क्या इस प्रतिबंध की अवधि हर सार एक जैसी रहती है?
हाँ, यह प्रतिबंध हर सार लगभग इसी अवधि (16 जनवरी से 28 फरवरी) के आस-पास लगाया जाता है क्योंकि यह स्थानीय धार्मिक कैलेंडर और मान्यताओं से जुड़ा है। हालाँकि, dates में एक-दो दिन का हेरफेर हो सकता है, इसलिए यात्रा की योजना बनाने से पहले स्थानीय प्रशासन की official वेबसाइट check कर लेना उचित रहेगा।























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